भारत देश में जान बहोत सस्ती है लोगों की महाकुंभ जाने का सपना को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुचल दिया गया इसकी जिम्मेदार कौन होगा

नई दिल्ली :- जनता की जान जाने का नंबर साल दर साल बदलता रहा लेकिन आम आदमी की जान को बचाने की सरकारों में ना नियत बदली और ना ही नीति बदली साल 2025 आया 144 साल बाद महाकुंभ वाला प्रचार जबरदस्त तरीके से किया गया .

महाकुंभ

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हर आदमी को यह एहसास दिया गया की गंगा मैया खुद ही Kyc कर रही हैं की अबकी बार महाकुंभ नही नहाया तो सनातन वाला रिश्ता टूट जायेगा सरकारी प्रचार पर जोर रहा तो जनता की जान की परवाह किसे .प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी 2025 सुबह 4:00 बजे संगम नोज पर भगदड़ हुई सरकारी आंकड़ा 30 मौत कहता है गैर सरकारी दावे ना जानें कितनी मौत होगी खैर जनता बड़ी मासूम होती है जनता ने फिर यकीन किया .

जनता को लगा की अब तो भगदड़ से सरकार मरने नहीं देगी लेकिन फिर आम आदमी अगर सही हो जाये तो उसे एहसास कैसे होगी की जिंदगी कितनी सस्ती है .15 फ़रवरी रात 8:30 बजे देश की राजधानी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रेलवे और रेल मंत्री के नाक के नीचे का स्टेशन प्रयागराज महाकुंभ जाने की ठसा ठस भावना लिए खड़ी जनता लेकिन फिर वही भगदड़ फिर सांसें रुक गयी फिर बच्चे चीखने लगे फिर माँ चिल्लाने लगी फिर बेटियां तड़पने लगी .

पुरुष हिल नहीं पा रहे थे जो जहाँ था वहीं पर दबने लगा कुचले जाने लगा कोई मुंह से सांस देने की कोशिश फिर से करने लगा कोई दिल को दबाकर वापस धड़कन लाने में जुट गया और पीछे से आचानक आवाज़ आती है कि यात्रीगण कृप्या ध्यान दें कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 14 की जगह 16 पर आने वाली है .

अब सरकारी प्रचार करने वाले वाले या सरकार से जुड़े लोग चाहे तो उसका भी प्रचार प्रसार करवा ले शर्मनांक वाहवाही बटोर ले की 144 साल महाकुंभ के मौके पर 2 बार भगदड़ का ये घटिया संयोग है कुछ भी हो सकता पर कैसे यकीन दिलाये खुद को और यह कैसे ना पूछें की कैसे ये संभव है की हर दिन जब सबको पता है कि करोड़ों की भीड़ प्रयागराज महाकुंभ जा रही है .

तब रेलवे ने दिल्ली से जाने वाली भीड़ के लिए कोई तैयारी नहीं की क्या हर बात को षड़यंत्र शाजिश कहकर टाला जा सकता है सरकार कह रही है की जांच कमेटी बैठाएं जितनी बड़ी ट्रेजेडी उतनी बड़ी जांच कमेटी जांच कमेटी से रिपोर्ट आएगी रिपोर्ट पोस्टमार्टम की भी आएगी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आएगी तो जानते हैं क्या लिखा आएगी लिखा होगा दम घुंटने से ,सिर में चोंट लगने से ,शॉक की वजह से कुछ लोगों की जान चली गयी .

लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहीं ये लिखा नहीं होगा कि रेलवे अधिकारीयों के नकारे पन और गैर-जिम्मेदारी के कारण जनता का दम घूंट गया और उनकी मौत हो गयी नहीं लिखा होगा कि हजारों लाखों लोगों को संभालने के लिए जितने इंतज़ाम होने चाहिए थे और उतने इंतज़ाम नहीं थे .

ये दावा है की हर घंटे जनरल टिकट काटकर जनता को बस किसी तरह स्पेशल ट्रेन का प्रचार दिखाकर टॉयलेट में बिठाकर भेजने का इंतज़ाम था और CCTV कैमरा था लेकिन CCTV कैमरा क्या देख रहा था किसी को नहीं पता और क्या वाकई में इस बात पर यकीन कर लिया जाये की रेलवे को अंदाजा नहीं था कि स्टेशन पर कितने लोग जुटे हैं और अगर अंदाजा था तो जवाबदेही किसकी जिम्मेदारी किसकी .

इन लोगों की जिंदगी जाने के पीछे जिम्मेदार कौन महाकुंभ स्पेशल ट्रेन का नंबर गिनाकर वाहवाही लुटने की कोशिश में बेसिक व्यवस्था भूल जाने वाले रेलवे अधिकारी रेल प्रशासन रेल मंत्री क्या तारीफ़ लुटने वाले जिम्मेदारी और जवाबदेही भी रखेंगे या फिर जांच रिपोर्ट के नाम पर कुछ दिन बाद आज के सुलगते सवालों पर ठंडा पानी डालकर फिर किसी भगदड़ में आम आदमी की मौत का इंतज़ार होगा सवाल ये भी आम आदमी की मौत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में इतनी सस्ती क्यों है सोचिए ज़रा.

सीढियां और स्केलेटर को मौत का कारण बताकर मामला को सलटा देते हैं

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प्लेटफार्म नंबर 14 की सीढियों और प्लेटफार्म नंबर 16 के स्केलेटर के पास प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले यात्रियों की भगदड़ में मौत हो जाती है .

हैरानी की सबसे बड़ी बात यह है की ये हादसा की छोटे गाँव कसबे की स्टेशन पर नही हुआ है या भगदड़ किसी गाँव के होल्ट के बाहर नहीं हुई है ये मौत की चीखें किसी दूर दराज के प्लेटफार्म पर नही उठी हैं .

रेल मंत्री जी आपके नाक के नीचे देश की राजधानी नई दिल्ली के सबसे VIP रेलवे स्टेशन पर ये सबकुछ हुआ है जिसे आप और आपका रेलवे भगदड़ तक बाँधने में 3 घंटे लगाता रहा .

लाखों यात्रियों को संभालने का इन्तेजाम था ही नहीं और मौत हो जाने के बाद स्टम पैड का पर्यायवाची रूप रेलवे के लोग खोजते रहे सबसे पहले कहा गया की ये एक अफवाह है ऐसा तो कुछ हुआ ही नही इसके बाद कहा गया No Stempede थोड़ी देर बाद जवाब आया की Stempede जैसी सिचुएशन है .

फिर एक नई बात आती है यहाँ पर की भीड़ बहोत ज्यादा है सिचुएशन अंडर कण्ट्रोल बताकर विडियो दिखाकर 18 मौतों को सन्नाटे में दबा देना चाहा

लेकिन रेल मंत्री साहब सब कुछ पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन से नही होता है सभी को पता था की 2 हफ्ते से वीकेंड पर महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाले भक्तों की संख्या बढ़ जात है सभी को इस बात की खबर थी की रेलवे स्टेशन पर बहोत सारे श्रध्दालु लगातार ट्रेन में किसी तरह भरकर किस तरह ठुस ठूस के टॉयलेट के पास बैठकर महाकुंभ संगम नहाने जाते हैं .

सभी को इस बात की जानकारी थी की शनिवार शाम से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बहोत सारे लोग जुड़ रहे हैं लेकिन पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन को लेकर खूब चर्चा में रहने वाले जो रेल मंत्री साहब जो रेलवे में छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज़ को रील बनाकर प्रचार क्र देते हैं .

ना जाने शनिवार रात रेल मंत्री और रेल मंत्रालय कहां पर थे जो पूरी व्यवस्था नई दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर जनता को कुचलने और जनता को दबने के लिए छोड़ दी थी अब मंत्री जी को कौन समझाय की जांच से सरकारी आंकड़े जरुर दिख जायेंगे लेकिन जो नही दिखाई पड़ेगा वो ये की मरने वाले इंसान थे ओ किसी के बाप थे किसी के भाई थे किसी की बहन थी किसी के पिता थे किसी की माँ थी किसी के बेटे किसी की बेटी थी किसी के परिवार के आखरी निसानी तो किसी की जिंदगी की पूरी कहानी .

सरकार से रेलवे स्टेशन की दुरी

1:- प्रधानमंत्री आवास – बड़ी हैरानी होगी ये बात जानकर की प्रधानमंत्री आवास से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की दुरी मेहेज़ 5 KM है समय केवल 20 मिनट .

2:- रेल भवन – रेल भवन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की दुरी केवल 4 KM है समय केवल 15 मिनट.

3:- राष्ट्रपति भवन – राष्ट्रपति भवन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की दुरी केवल 5.15 KM समय केवल 20 मिनट.

4:- संसद भवन – अब तक जिस संसद भवन में खड़े होकर रेल मंत्री ये दावे करते रहे की दिव्य कुंभ के भव्य इन्तेजाम रेलवे ने कर रखे हैं उसी संसद भवन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की दुरी केवल 3 KM समय केवल 10 मिनट .

भारत देश में जान बहोत सस्ती है

भारत देश में जानें बहोत सस्ती है और जाने कितनी सस्ती है ये जानने के लिए आपको बहोत दूर नहीं जाना है इसी सदी से देख लीजिये

1:- 2003 का नाशिक कुंभ – 2003 का नाशिक कुंभ को देख लीजिये दर्जनों की जान जाती है आम आदमी को लगता है की शायद सरकार आगे से बचा लेगी इस आश में रहते हैं .

2:- 2010 हरिद्वार कुंभ – 2010 हरिद्वार में कुंभ होता है भगदड़ में 10 लोगों की जान जाती है सबने सोचा की आगे देश की सरकारें संभाल लेंगी .

3:- 2013 इलाहाबाद कुंभ – 2013 यही प्रयागराज कुंभ में तब का नाम इलाहाबाद कुंभ था अभी की तरह ही रेलवे स्टेशन में भगदड़ होती है 43 की मौत हो जाती है .

Article Source :- Youtuber Subhankar Mishra

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